वृद्धावस्था में जीवन सुरक्षा प्रदान करना समाज की नैतिक जिम्मेदारी है। इस चरण में व्यक्ति शारीरिक रूप से कमजोर हो जाता है और भावनात्मक सहारे की आवश्यकता बढ़ जाती है। सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन के लिए स्वास्थ्य सेवाएं, आश्रय, पोषण और देखभाल आवश्यक हैं। वृद्धजन जीवन भर अपने परिवार और समाज के लिए योगदान देते हैं, अतः उनका सम्मान और संरक्षण अनिवार्य है। निःशुल्क वृद्धाश्रम, पेंशन योजनाएं और सामाजिक सहभागिता के कार्यक्रम उन्हें आत्मनिर्भर और मानसिक रूप से सशक्त बनाते हैं। वृद्धों को सुरक्षा देना एक संस्कार है जो मानवता को परिपूर्ण बनाता है।
CASS NGO का निःशुल्क वृद्धाश्रम: बदलते सामाजिक परिदृश्य में एक संवेदनशील पहल
समाज में समय के साथ हुए परिवर्तन न केवल जीवनशैली पर प्रभाव डालते हैं, बल्कि पारिवारिक संरचना को भी प्रभावित करते हैं। आज के दौर में जहाँ एकल परिवार प्रणाली (Nuclear Family System) का चलन बढ़ा है, वहीं इसके दुष्परिणाम स्वरूप वृद्धजन कई बार उपेक्षा और अकेलेपन का शिकार हो जाते हैं। ऐसे में CASS NGO द्वारा संचालित निःशुल्क वृद्धाश्रम एक ऐसी सामाजिक पहल है, जो इन वृद्धजनों के लिए न केवल आश्रय का स्थान बनता है, बल्कि उन्हें सम्मान, स्नेह और एक सुरक्षित वातावरण भी प्रदान करता है।
पारंपरिक संयुक्त परिवार की जगह अब एकल परिवारों ने ले ली है। यह बदलाव कई कारणों से हुआ है—शिक्षा के अवसर, रोजगार के लिए प्रवासन, जीवन की बढ़ती व्यस्तता और निजी स्वतंत्रता की चाह। हालांकि इस बदलाव ने युवाओं को नई ऊँचाइयाँ छूने का अवसर दिया है, परंतु इसका दुष्परिणाम अक्सर बुज़ुर्ग माता-पिता को झेलना पड़ता है। ऐसे में वृद्धजन या तो अकेले अपने घर में रहते हैं या सामाजिक असुरक्षा और मानसिक तनाव के कारण वृद्धाश्रम की शरण लेते हैं।
CASS (Centre for Action in Social Service) एक समाजसेवी संगठन है जो विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर कार्य करता है। इसका मानना है कि प्रत्येक व्यक्ति को सम्मानपूर्वक जीवन जीने का अधिकार है, चाहे उसकी उम्र कुछ भी हो। इसी दृष्टिकोण से CASS NGO ने निःशुल्क वृद्धाश्रम की स्थापना की है, जिसका उद्देश्य उन बुजुर्गों को आश्रय देना है जो उपेक्षा, अकेलेपन या आर्थिक असमर्थता के कारण असहाय हो चुके हैं।
अधिकांश वृद्धजन या तो पेंशन पर निर्भर होते हैं या उनकी कोई आय नहीं होती। ऐसे में जब उन्हें परिवार से समर्थन नहीं मिलता, तब वृद्धाश्रम की आवश्यकता महसूस होती है। CASS का वृद्धाश्रम उन बुजुर्गों को पूर्णतः निःशुल्क सुविधा प्रदान करता है जिसमें आवास, भोजन, चिकित्सा देखभाल, मनोरंजन और सामाजिक सहभागिता शामिल हैं। यहाँ उन्हें किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं देना पड़ता, जिससे आर्थिक रूप से कमजोर वृद्धजन भी आत्मसम्मान के साथ रह सकते हैं।
भले ही वृद्धजन शारीरिक रूप से स्वस्थ हों, लेकिन अकेलापन, संवादहीनता और उपेक्षा जैसे भावनात्मक दबाव उनके मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं। CASS का वृद्धाश्रम इस समस्या को भी गंभीरता से लेता है। यहाँ उन्हें अपने जैसे अन्य लोगों के साथ समय बिताने का अवसर मिलता है—वे बात करते हैं, साथ खाते हैं, खेलते हैं, त्योहार मनाते हैं और इस प्रकार एक ‘नई सामाजिक दुनिया’ का हिस्सा बनते हैं।
कई वृद्धजन अपने ही परिवार में असहज महसूस करने लगते हैं, जहाँ उनकी राय को अनदेखा किया जाता है या उन्हें बोझ समझा जाता है। CASS वृद्धाश्रम में वे अपनी स्वतंत्रता और गरिमा के साथ जीवन व्यतीत कर सकते हैं। यहाँ उन्हें न तो कोई ज़बरदस्ती होती है, न कोई उपेक्षा। वे अपनी दिनचर्या स्वयं तय कर सकते हैं, अपनी रुचियों के अनुसार समय बिता सकते हैं और निर्णय लेने की स्वतंत्रता का आनंद ले सकते हैं।
CASS वृद्धाश्रम में स्वास्थ्य सेवाओं का विशेष ध्यान रखा जाता है। नियमित स्वास्थ्य परीक्षण, दवाइयों की उपलब्धता, आपातकालीन चिकित्सा सुविधा, और मानसिक स्वास्थ्य के लिए परामर्श जैसी सेवाएँ उपलब्ध कराई जाती हैं। यह सभी सेवाएँ निःशुल्क प्रदान की जाती हैं ताकि बुजुर्गों को उनकी उम्र के अनुसार समुचित देखभाल मिल सके।
CASS वृद्धाश्रम केवल रहने का स्थान नहीं है, बल्कि यह एक सक्रिय समुदाय भी है। यहाँ समय-समय पर सांस्कृतिक कार्यक्रम, योग कक्षाएँ, ध्यान सत्र, भजन-कीर्तन, और त्योहारों के आयोजन होते हैं। स्थानीय विद्यालयों, कॉलेजों और स्वयंसेवी संस्थाओं से जुड़कर यहाँ के बुजुर्ग समाज के अन्य वर्गों से भी संवाद बना पाते हैं, जिससे उन्हें सामाजिक उपयोगिता का एहसास होता है।
समाज में वृद्धाश्रम को आज भी कई बार नकारात्मक दृष्टिकोण से देखा जाता है। परंतु CASS जैसे संगठनों की पहल इस धारणा को बदलने में सहायक है। यहाँ वृद्धाश्रम असहायता की निशानी नहीं, बल्कि गरिमामयी जीवन का एक विकल्प बन चुका है। कई वृद्धजन स्वयं यहाँ रहना पसंद करते हैं क्योंकि उन्हें स्वतंत्रता, मित्रता और मानवीय गरिमा का अनुभव होता है।
हालाँकि CASS वृद्धाश्रम एक आदर्श मॉडल प्रस्तुत करता है, परंतु वृद्धाश्रमों की संख्या और संसाधनों की सीमाएँ अभी भी एक चुनौती हैं। समाज को इस दिशा में अधिक जागरूक और संवेदनशील बनने की आवश्यकता है। सरकार, समाजसेवी संस्थाएँ और आमजन यदि मिलकर सहयोग करें, तो वृद्धजनों के लिए एक बेहतर, ससम्मान और सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित किया जा सकता है।
CASS NGO का निःशुल्क वृद्धाश्रम बदलते सामाजिक परिदृश्य में एक संवेदनशील, उपयोगी और अनुकरणीय प्रयास है। यह न केवल उन वृद्धजनों के जीवन में आशा की किरण बनता है, जिन्हें उनके अपनों ने छोड़ दिया, बल्कि यह समाज को भी यह सिखाता है कि सच्चा विकास केवल आर्थिक या तकनीकी नहीं, बल्कि मानवीय मूल्यों के साथ होता है। ऐसे वृद्धाश्रम न केवल आवश्यकता हैं, बल्कि हमारी सामाजिक ज़िम्मेदारी भी हैं।